ठण्ड के मौसम की गरमायी सी है माँ
मनो एक रज़ाई सी है माँ,
बरसात की बूंदो सी छाई है माँ,
नये फूल की खुशबु सी आई है माँ ।।
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लोग साथ छोड़ देते हैं बीच सफ़र मैं जब यादें खुशनुमा हमसफ़र बनके साथ निभाती है "एक अधूरा सफ़र"
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