📌@साइम इसरार के कलम से ✒✒
हर किसी की फितरत में नही है वफादार होना
बहुत मुश्किल है इस दौर मे ईमानदार होना
मिलने को क्या है मिल जायगी हज़ारो तेरे जैसी
फिर भी मुश्किल है तूझ जैसा प्यार होना
माना कोई खासियत नही है साइम में फिर भी
लेकिन बहुत मुश्किल है इस ज़माने में न होते हूये खतागार होना
बने फिरते है सब ईमानदार यहाँ पर लेकिन
बहुत मुश्किल है इस दौर मे भरोसेदार होना
Saturday, February 6, 2016
बहुत मुश्किल है इस दौर में
Thursday, February 4, 2016
मनरेगा में मची है लूट
📌✒✒ साइम इसरार के कलम से भिराष्टाचार के खिलाफ आवाज़
📌मनरेगा में मची है लूट📌
गांव के हालात बदलने और लोगों के लिए रोजगार के अधिक अवसर प्रदान करने के उद्देश्य वाली महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के आज 10 वर्ष पूरे हो गए
उत्तरप्रदेश, बिहार, पंजाब, छत्तीसगढ़, मणिपुर जैसे कई राज्यों में इस योजना के कार्यान्वयन को लेकर भ्रष्टाचार एवं अनियमिताताओं की शिकायतें बाधक के रूप में उभर कर सामने आई है
मनरेगा से कुछ फायदे हुए हैं तो कुछ नुकसान भी हुए हैं ।इस योजना का लगभग 50% पैसा भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाता है सरकार भले ही मजदूरों के खाते में पैसा डालती है लेकिन भ्रष्ट राजनीतिज्ञों और नौकरशाही का गठजोड़ इस पैसे को उनके खाते से निकलवा कर बंदरबांट कर लेता है मनरेगा में जो 40% सामग्री अंश है असली भ्रष्टाचार उसमें होता है, रेता, बजरी, पत्थर ,सीमेंट आदि सामग्री के वाउचर में सामग्री की मात्रा और दरें काफी बड़ा चढ़ा कर दिखाई जाती है माननीय उच्चतम न्यायालय को इस पर अपने स्तर पर कार्यवाही करने की आवश्यकता है क्योंकि कुछ अपवादों को छोड़कर राजनैतिक दलों के कार्यकर्ताओं लिये के यह योजना दुधारू गाय है