Wednesday, July 29, 2015

आलवीदा सर

कलाम को सलाम……
उस ऊर्जा को सलाम ,
उस सितारे को सलाम जिसने करोड़ों सपनों को दिशा दी !

मैं धन्य हूँ जो कलाम के युग को जी सका
आज समय का पहिया घूमा,पीछे सब कुछ छूट गया,
एक सितारा भारत माता की आँखों का टूट गया,

उसकी आँखे बंद हुयी तो पलकें कई निचोड़ गया,
सदियों तक न भर पायेगा,वो खाली पन छोड़ गया,

ना मज़हब का पिछलग्गू था,ना गफलत में लेटा था,
वो अब्दुल कलाम तो केवल भारत माँ का बेटा था,

बचपन से ही खुली आँख से सपने देखा करता था,
नाविक का बेटा हाथों में सात समंदर भरता था,

था बंदा इस्लाम का लेकिन,कभी न ऐंठा करता था,
जब जी चाहा संतो के चरणों में बैठा करता था,

एक हाथ में गीता उसने एक हाथ क़ुरआन रखा,
लेकिन इन दोनों से ऊपर पहले हिन्दुस्तान रखा,

नहीं शरीयत में उलझा वो,अपनी कीमत भांप गया,
कलम उठाकर अग्निपंख से अंतरिक्ष को नाप गया,

दाढ़ी टोपी के लफड़ों में नही पड़ा,अलमस्त रहा,
वो तो केवल मिसाइलों के निर्माणों में व्यस्त रहा,

मर्द मुजाहिद था असली,हर बंधन उसने तोडा था,
अमरीका को ठेंगा देकर,एटम बम को फोड़ा था,

मोमिन का बेटा भारत की पूरी पहरेदारी था
दाऊद,सौ सौ अफज़ल गुरुओं पर भारी था,

आकर्षक व्यक्तित्व,सरल थे,बच्चों के दीवाने थे,
इस चाचा के आगे,चाचा नेहरू बहुत पुराने थे,

माथे पर लटकी ज़ुल्फ़ों ने पावन अर्थ निकाल दिया,
यूँ लगता था भारत माँ ने आँचल सर पर डाल दिया,

साइम को गौरव है तुम पर,फक्र लिए हूँ सीने में,
जीना तो बस जीना है अब्दुल कलाम सा जीने में,

माना अब भी इस भारत में कायम गज़नी रावड़ हैं,
लेकिन ऐसे मोमिन पर सौ सौ हिन्दू न्योछावर हैं
अलविदा_मिसाइल_मैन

जो कहते हैं हिन्दू मुस्लिमों से नफरत करते हैं उन्हें देखना चाहिए आज सारा हिन्दुस्तान एक सच्चे मुस्लिम के लिए रो रहा है !

Monday, July 27, 2015

तेरी शहादत को सलाम

सुन हमला देश के ऊपर,
बंदुक उठा चल देता हूं,
है मौत का गम किसको,
मैं खून धरा को देता हूं,
है कफ़न सर पे तना  हुआ,
दिल में देशप्रेम भर लेता हूं,
दुश्मन को अपनी चीख से
राख में ध्वस्त कर देता हूं,
लौटता हूं तमगा वीरता का लेकर,
कभी जान देश पर देता हूं,
कभी डरना नहीं मेरे देश के लोगो,
मैं पहरा सरहद पर देता हूं,

Salute to all Martens in Gurdaspur

I condemns the Gurdaspur terror attack on a police
station, and appeals to the government to crush
such barbaric activities in a ruthless manner, so
that the perpetrators of these dastardly crimes may
get a strict warning about our unwavering resolve
against any kind of terrorism.
It is once again a moment for we the people of
India to forget our religious and political
differences, and rise as a single entity to preserve
our peace, security and territorial integrity
# RIP S.P OF GURDASPUT
#RIP S.P GURDASPUR
MY POST IS A SALUTE TO ALL OF THEM WHO PARTICIPATED IN THIS MISSION TO SAVE MY COUNTRY
PROUD TO BE AN INDIAN