Thursday, December 24, 2015

मै इस देश का किसान हूँ

@साइम इसरार की कलम से

किसान का यह हाल देखकर शर्मिन्दा क्यों नही होते
क़र्ज़ में डूब आत्म हत्या करता फिर भी तुम चुप हो रहते
देश विकास कररहा है आकडे तुमने देखे होंगे
उसके खेतो बंजर होते तुमने शायद देखे होंगे
दावे बड़े बड़े हो करते कुछ तो उनके लिये काम करो
थोडा उनके परिवारो का भी कुछ तुम अब ख्याल करो
सूखे की खातिर क़र्ज़ मे डूबा है
आत्म हत्या करने को मजबूर खड़ा है वाही किसान
राजनीति सब करते हो तुमको किसने रोक है
क्या तुम अन्धे हो हालात नही दिखते है
सही मूल फसल के उसको कहा मिलते है
साइम
अब तुम इन्तिज़ार करो वक़्त बदलने वाला है
तख़्त बदलने को है अब समय बदलने वाला है

Monday, November 9, 2015

में पाकिस्तान क्यों जाऊ @साइम इसरार

मोहब्बत इस मुल्क से है हमको
कबतक तुमको समझाऊ
इस वतन से में क्यों जाऊ
तुमको जाना है साध्वी
तो तुम चलिजाओ
मै अपने मुल्क को छोड़कर क्यों पाकिस्तान चला जाऊ।।।
यह तुम्हारी निगह हमपर शक क्यों करती है
बात बात पर हमको देश द्रोही क्यों कहती है
गलत हम नही तुम हो यह कैसे समझाऊ
तुमको जाना है साक्षी तो तुम चलिजाओ
मै अपना मुल्क छोड़कर क्यों पाकिस्तान चला जाऊ।।।
हमारी वफ़ा दारी पर तुम शक करते हो
हमको ही तुम आतंकवादी कहते हो
तुम्हे परशानी हो आधित्यन्त तो तुम चले जाओ
मै अपना हिन्दुस्तान छोड़कर क्यों चला जाऊ।।।

Sunday, November 8, 2015

बिहार में बहार हो नीतीश कुमार हो

दिल्ली से गद्दी सरकी थी
अब यह बिहार भी हार गया
साम्प्रदायिकता के चक्कर में
यह बड़बोला हरगया

बिहारियों का इतिहास रहा है । जब इन्होंने सिकंदर को हरा दिया था तो फिर ये बीजेपी क्या चीज़ है ।


दिल्ली गयी बिहार गया।
कि वो बड़बोला हार गया।
गलती तो आखिर तुम्हारी ही है इतना परशान करा है अल्पसंख्यक वोटर को तो यह होना ही था अब पूरे देश में बीजेपी के खिलाफ माहोल हो रहा है यही वजहा है के
अबकी बार महागठबंधन का बिहार.....
देशभर के सभी कांग्रेस/आरजेडी/जेडीयू कार्यकर्ताओ को बिहार में एक अच्छी और सफलतापूर्वक जीत दर्ज करने के लिये बहुत-बहुत बधाईया।
मोदीजी चाहे बिहार को डेढ़ करोड़ का पैकेज देने की बात करे पर बिहार की जनता ये जानती है की देश में पिछले डेढ़ साल में कितना विकास हुआ है उसी के आधार पर लोगो ने अपना मत प्रस्तुत किया है
आज का दिन कुछ हट के है यानी ख़ास है
जो लोग नफरत के पुजारी थे उन लोगो के लिए आज का दिन मातम लेकर आया है
जो लोग मोहब्बत और इंसानियत से प्यार करते हैं उन लोगो के लिए आज का दिन ख़ुशी ले कर आया है
अहंकार तो रावण का भी नहीं रहा था ,अमित शाह और गिरिराज सिंह जैसे लोगों की क्या बिसात है अब तक यह सबको पाकिस्तान जाने की सलहा देते थे अब इन साध्वी साक्षी और गिररीराज जी का क्या होगा सब बड़ बोले नेता तो गिरगये
यह जीत केवल बिहार की जनता की नही है यह उन तमाम देशवासियों की जीत है जिनके साथ भाजपा की पार्टी ने छल करके झूठे सपने दिखाकर देश की सत्ता हासिल की यह उन झूठे वादों  पर देश की जनता की जीत है जिन वादों पर भाजपा सत्ता पर काबिज हूई यह जवाब है देश की जनता का केवल भाषणों से काम नही चलेगा जमीन पर काम करना पडेगा सभी देशवासियों को इस जीत की बधाई हो

Thursday, October 29, 2015

तुम्हारी याद

कुछ वादा ए वफ़ा याद है
कुछ भुलादिये हमने
कुछ ज़िन्दगी के भूले किस्से
सबको सुनादिये हमने

तुम्हारी यादो को आज
तक साथ रखा है लेकिन
आज उन खातो को
खाक में मिला दिये हमने

तुम्हारी यह ज़िद तुम्हे
तनहा न करदे
बस इस ख्याल ने आज
फिर झुक दिया हमने

Saturday, October 24, 2015

अबकी बार चुनावो मे

कैसा यह माहोल बना है
     अब नफरत का बाज़ारो मे
भोली जनता भूकी मर रही है
    अब नयी सदी के अंधकारों में
कभी गाय का मुद्दा है
     कभी हिंदुत्व का लेते सहारा
  जनता भूकी मर रही है
      कैसा यह विकास का नारा
माहोल देश का बिगाड रखा है
   कुछ सियासत के आकाओ ने
साइम कई शहर जला डाले है
     इन बड़ बोले नेताओ ने
कैसी नफरत पैदा करदी
   भाई भाई को लड़वाने मे
खून बहरहा है सड़को पर
     इस नयी सदी के चुनावो मे

Thursday, October 22, 2015

शिक्षा ही एक मात्र समाधान है @साइम इसरार के कलम से

शिक्षा ही एक मात्र समाधान है
@साइम इसरार के कलम से ####
आज कल देश का माहोल बिगड़ने की कोशिश क्यों होरही है क्या आपने कभी सोचा है आज जो माहोल है उसका ज़िमेदार कौन है? अगर सच पूछो तो
इस सब के ज़िमेदार हम लोग खुद है क्यों की जब तक हम यह नही मानले की शिक्षा ही एक मात्र हल है तब तक इस समाज का कुछ नही होसकता जब तक हम लड़के और लड़की को एक बराबर नही मानेगें तब तक अपने बच्चों का भविष्य नही सम्हालेंग तब तक यही हॉल रहनेवाला है आखिर हमारी सोच में फर्क क्यों है लड़के को उच्च शिक्षा और लड़की को सिर्फ 12 वी तक ही क्या इतनी छोटी है हमारी मानसिकता हमे अपनी सोच को बदलना ही होगा बच्चों को शिक्षा का यह मतलब नही की स्कूल से ही काम चल जायेगा बच्चों को समाज में उठना बैठना , लोगो से बात करना और तमीज तहज़ीब पर सोचना होगा हम अपनी पुरानी संस्कृति से दूर जारहे है क्या होगा आने वली नस्लो का  क्यों की आज तक जो भी कुर्सी पर बैठा है उसने समाज को गुमरहा ही करा है अगर सब पढ़ लिख जाओगे तो इन नेताओ के पीछे कोन घूमेगा कोन इनकी जय जय कार करेगा और इनका सबसे ज़रूरी मुद्दा भी ख़त्म होजायेगा  सबसे बड़ी परशानी इन्हे ही होगी क्यों की हिन्दू मुस्लिम राजनीती ख़त्म होजायेगी और यह बेचारे बेरोज़गार होजाएंगे शिक्षा ही एक मात्र विकल्प है अगर हम चाहते है हमारे बच्चे इस दहशत की जिंदिगी से महफूज़ रहे तो सोचो कही बहुत देर ना होजाये और आखिर
कब तक यू ही धर्म के नाम पर हम लड़ते रहेंगे कब तक सड़को पर खून बहता रहेगा कभी दादरी मे अख़लाक़ कभी फरीदाबाद मे दलित मासुम बच्चों को ज़िंदा जला दिया जाता है आखिर कब तक ये सरकार मुआबजा देकर गरीबो का मजाक बनाती रहेगी कोई भी घटना हो सरकार केवल मुआबजा देकर अपना पल्ला झाड़ देती है क्या ये मुआबजा ही उन पीड़ित लोगो के लिए काफी है क्या सरकारे इन घटनाओ के लिये जिम्मेदार नहीं है

बुझाकर बेवजह दीपक बहोत खुश आंधियाँ होगी,
मगर फिर आग के शोलों से रौशन बस्तियाँ होगी।
@साइम इसरार के कलम से

Saturday, September 19, 2015

शर्म आनी चाहिये एसे नेताओ को तुम क्या जानो अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के बारे मे

शर्म आना चाहिये अलीगढ़ युनिवरसिटी को कहने वाले नेताओ को : साइम इसरार की कलम से

आज कल देश का माहोल साम्प्रदायिक बनाने की कोशिश मे कुछ लोग आपने ज़मीर से इतने गीरगएय है की पूरे विश्व मे ज्ञान ओर संस्कार के लिये पहचान रखने वाली ओर भारत मे शिक्षा के सफर मे साथ देने वाली केंद्र युनिवरसिटी
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवेरसिटी को आतंक की नर्सरी कहने वाले लोगो को शर्म आनी चाहिये वो लोग शायद भूल गये है के यह हिन्दू मुस्लिम नही पड़ते है ना ही किसी को हिन्दू मुस्लिम बनाया जाता है यह वो जगह है जहा लोगो को इंसान बनाया जाता है किसी भी जगह के नाम के आगे मुस्लिम शब्द हो तो उसे आतंक के साथ जोड़कर देखना यह कुछ स्यसि ओर साम्प्रदायिक लोगो की पहचान रही है वो बड़े ही नादान है य बेवकूफ है जिन्होंने इस्लाम को बिना पड़े ओर जाने उसे आतंक से जोड दिया है आज तक हम कुछ नही बोले हज़ारो बेयगुंह लोगो को आतंक की नाम पर जेल मे डाल दिया गया ओर भारत के कानून ने उन्हे बेगुन्हा साबित करा है लेकिन उन 5 य 10 साल मे उनका केर्यर बर्बाद हो गया लेकिन एक शिक्षा के मंदिर के बारे मे जब बोला गया तो सब चुप है यहा से लाखो हिन्दू भाई बहनो ने शिक्षा प्राप्त की है हज़ारो लोग अयसे है जिन्होंने बड़े बड़े संवैधानिक पदो पर रहकर देश की सेवा की है हिन्दुस्तान आर्मी मे रहकर दुश्मन को मुहतोड़ जवाब द्या है किसी ने अमरीका मे किसी ने दुबई मे ओर इंग्लैंड मे जाकर देश का नाम रौशन क्या है साउदी की पाक सरज़मी पर शांन से तिरंगा लहराया है अलीगढ़ मुस्लिम युनिववरसिटी ने भारत को उप राष्टपति दिया है
जावेद अख्तर जैसा संगीतकार भी यही की देंन है हिन्दुस्तान को ही नही बंगलादेश हो या पाकिस्तान के राष्टपति भी अलीगढ़ युनिवरसिटी की ही देंन है अब तो अमरीका भी हमारा लोहा मंन चुका है फ्रैंक इस्लाम जैसा कारोबारी जो अमरीका के राष्टपति बराक ओबामा के खास आदमियो मे है वो भी यहा का छात्र है आज भी जब देश को किसी वैज्ञानिक या डॉक्टरों की ज़रूरत होती है तो यह काम भी अलीगढ़ युनिवरसिटी आगे बड़ कर करती है अगर नाम गिनने पर आजौ तो बहुत समय लगेगा क्योंकि लिस्ट बहुत लंबी है सिर सैयद अहमद खान ने जो काम करदेखया है वो तुम सम्प्रदायक लोग क्या समझोगे तुम लोगो ने हमेशा अपनी स्यसि रोटी हिन्दू मुस्लिम के नाम पर सेकि है अरे हम तो तब जानते तुम इंसानियत की बात करते तुम मोहब्बत की बात करते तुम शिक्षा की बात करते लेकिन तुम्हे इसकी परवा कहा है तुम्हे अपनी कुर्सी की चिंता है आज आगर तुम इसतरह के बयान देते हो तो यह तुम्हारी छोटी मानसिकता को दर्शाता है लेकिन पढ़ा लिखा युवा हिन्दू मुस्लिम की झगड़ो से बहुत दूर है तुम्हारी बातो का आसार अब नही होगा ओर तुम्हारा यह ढोंग ज़्यादा दिन नही चल सकता वाहा लाल किले के प्राचीन से हमारे प्रधान मंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी विकास की बात कहरहै है ओर उन्ही की सरकार की कुछ लोग इसतरह के बयान दयरहै है ओर विश्व हिन्दू परिषद के इस बयान पर आबि तक किसी भी ज़िमेदार नेता ने आवाज़ तक नही उठाई है यही कोई ओर कुछ बोल बैठता तो मुकदमा लिखकर जेल मे डालदिया जाता लेकिन इस पर कोई करोवई नही होती है यह दोहरा रवैया क्यों है यही है सबका साथ सबका विकास
AMU ज़िंदाबाद था ज़िंदाबाद है ज़िंदाबाद रहेगा
जो अबर यहा से उठेगा वो सारे जहा पर बरसेगा

सभी का खून शामिल है यहा की मिट्टी मे किसी के बाप का हिन्दुस्तान थोड़ी है

@साइम इसरार की कलम से

Thursday, September 17, 2015

भीरष्टचर के हम खुद ज़िमेदार है

आज मेरे एक दोस्त का मोबाइल गुम गया तो उसकी रिपोर्ट करने मे अपने थाने मे गया सोचा इसकी सूचना पुलिस को देदु लेकिन मे यह भूल गया था के हम उत्तेर प्रदेश की नागरिक है ओर यह कोई भी काम बिना रिश्वत दिये होना असंभव है मेरे ओर आपके विचारो मे फर्क होसकता है लेकिन सच बात यह है की जो मुझे लगा वो लिखना बेहतर समझा फिलहाल मे अपनी फरयाद लिखकर जब थाने के अन्दर गया तो एक सेपहि ने आकर मुझसे संपरक किया मुझे लगा वक़्त बदल गया है यह युवा लोगो की सोच अलग होगी उसने मुझसे काम पूछा मायने बताया साहब मोबाइल गुमने की सूचना देना है उसने मेरी फरयाद पढ़ी ओर कहने लगा लॉओ खर्चा दो मै चौका पूछा साहब केस खर्चा तो साहब कहने लगे काम करने का जब मायने मन क्या तो सहाब ने कहा अंदर जाकर बात करो
अब मे अन्दर पहुच तो उन्होंने भी खर्च मग जब मायने मन क्या तो मुंशी जी ने एक पहचान पत्र मांग उनको पहचान पत्र दे दिया उन्होने एफिडेविट मांगा यह सब बात इस्वझ से हुई के हमने उंसहब को खर्चा नही दिया आखिर कार रिश्वत डायन बेहतर न समझा ओर मे वापस चला आया
अब आप ही बताओ भाई खुले आम रिश्वत लेकर काम होरहा है मे यह नही कहूँगा क सब पुलिस वाले रिश्वत लेते है बहुत से ईमानदार लोग भी है लेकिन चंद लोगो ने बदनाम कररखा है जब यह हाल है तो जनता का काम कैसे होता होगा सरकार या पुलिस या पूरे डिपार्टमेंट को कहना सही नही है इसमे उनलोगो की क्या गलती है जो ईमानदार है या अपने काम मे शुद्ध है गलती तो हमारी है के हम ने चंद भीरष्ट लोगो को बढ़ावा दिया अगर हम आपने आप को सुधरले तो शायद यह माहोल बदल सकता है बस अपनी सोच बदलना है हम होते कोन है किसी को दोष दयनेवाले
रिश्वत लेना आगर जुर्म है तो रिश्वत देना भी जुर्म ही है
इस प्रकार के मुद्दों पर चुप रहना ही गलत है हम खुद गुनहगार है हम ही ज़िमेदार है हम खुद सोचते है अपना समय बच्चने के लिये 100 रुपये दयदो लेकिन यह तो सोचो के हम दे सकते है ओर उनकी आदत बनने क बाद उन गरीबो का क्या होगा जब वो उनसे बिना किसी शर्म के ख़र्च मांगे अगर हमारी मोटर साईकल रोकि जाती है तो हम क्यों सोचते है 100 रुपये देकर बचजएंगे आखिर हम नेयमो का पालन करते तो इसकी ज़रूरत ही नही पड़ती लेकिन यह न तो कोई सुनने वाला है न ही सोचने वाला
तो इस भरष्टाचार का ज़िमेदार कों है
हम ही है तो बदलना होगा खुदको सोच बदलोगे तो देश बदल सकता है

नोट : लेख मे उन साहब कानाम लेना उचित नही है क्यों की मे उन्हे बदनाम नही करना चाहता हूँ लेकिन शर्म आनी चाहिये उन भीरष्ट लोगो को जो लोगो को बेवजह पर्शन करते है ओर अपने डिपार्टमेंट को बदनाम कररहै है अयसेय लोगो पर करोवई होनी चाहिये

राजनीति बदलने का वक़्त आगया है

हम खुद ज़िमेदार है इस भरष्ट तंत्र के
आज जब हम अपने घर के बाहर निकलते है तो घर वालो को यह पता नही होता के हम घर वापस आएयनगे य नही ?
क्यों की आज कल के हालात देखतै हुए हिन्दुस्तान के रोड की हालत बहुत ज़्यादा खराब पाता ही नही लगता के गाड़ी रोड पर चलरही है या गादो मे ताज्जुब तो मुझे तब होता है जुब नेता लोग कहते है के हम विकास कररहै है आरे भाई कोई इनलोगो से पूछता क्यों नही है के विकास इससे कहते है जब एक गंभीर हालात मे मरीज़ आपने घर से निकलता है ओर अस्पताल पहुचने से पहले गाड़ी मे ही उसकी सास उसका साथ चोदजति है
कोई गर्व वति महिला बच्चय को जन्म देने के लिये दर्द से चिल्लाती होती है ओर अस्पताल लेजतय समय उन्ही रोड के गडड़ो मे उसकी य उसके नवजात बच्चय की सास तुतजति है लेकिन इन सब बातो से न तो बड़े बड़े वादय करने वाले झूटे नेताओ को कोई फर्क पड़ता है ओर न ही हम लोगो पर राज करने वाली सरकारो पर चाहे राज्य सरकार हो य केंद्र सरकार मुझे सबसे ज़्यादा मूर्ख तो जनता लगती है जो चंद रुपयो ओर शराब की 1 बोतल की वजह से अपने ओर अपने बच्चों के भविष्य का सौदा कर्देतय है हम बार बार उनि भीरष्ट नेताओ को चुनते है जो हमारे पैसे पर जो विकास मे लगाया जाता उसपर थेकीदरो कमीशन लेकर अपने बड़े बड़े कॉलेज ओर स्कूल खोलरहै है ताकि उनकी आने वाली पुश्तों का भविष्य बंनसके ओर 5 साल हमे लूटने के बाद फीर दुबारा उन्ही को वेजय रथ पर चढ़ाकर हम लोगो पर राज करते है
यह सब गलती हमारी ही है हम अपना ओर आपने आस पास का विकास तब तक नही करसकते जब तक अपनी बच्चों क भविष्य को उस शराब की 1 बोतल से बाद नही संजहैंगे
यह नेता आखिर हमारे सेवक है तो हम इनसे सवाल क्यों नही करसकते यह पैसा भी हमारा है वोट भी हमारा जगह भी हमारी ज़रूरत भी हमारी तो सब कुछ हम ही क्यों भुगत रहे है इन नेताओ से सवाल करो 5 साल का हिसाब मांगो अगर तुम्हे लगता है के इन्होंने 75% काम किया तुमसे किये हुए वद्दे पूरे करे तब ही यह तुम्हारे वोट क हकदार है वरना नही
अब वक़्त बदलज्ञा है हिन्दू मुस्लिम की राजनीति से उप्पर उठो भूलजओ हिन्दू है य मुसलमान अगर अपने बच्चों की तकदीर बदलना चाहते हो तो सोच को बदलो ओर उखाड़ फेयको अयसेय भीरष्टचरी नेताओ ओर भरष्ट राजनीति को ताकि आने वाला दौर तुम्हारा हो
वोट डालो सोच संमहजकर

@साइम इसरार की कलम से

Monday, September 7, 2015

लो, अब भिखारी भीख भी धमकी देकर माँगने लगे

भारत हर बातो का सम्मान कर रहा है
और पकिस्तान समझ रहा है की भारत पाकिस्तान से डर रहा है इस लिये वो धमकी पे धमकी दिये जा रहा है लातोँ के भुत बांतो से नहि मानते अब ये जो समझते हैँ उसी भाषा मे जवाब मिलना जरुरी है धमकियों से क्या होता है दम है तो मैदान मैं आ कर आजमा लो. दिया बुझने से पहले फडफडाता है कितनी भी विशाल सेना क्योँ ना हो! कीतने भी परमाणु बम क्योँ न हो! कितने भी घातक हथियार ओर लड़ाकू विमाने क्योँ ना हो युद्ध को जीतने के लिए बुलंद हौसले मजबूत इरादे और जज्बात की जरुरत होती हे जो कि भारतीय सेना के अलावा और किसी भी देश की सेना मेँ नहीँ है भारत की जगह अगर पाकिस्तान इजरायेल का पड़ौसी होता तो अब तक पाकिस्तान मिट चूका होता लगता हे पाकिस्थान भुल गया है कि युद्ध उन्होने हि शुरू किया था .. और कराची से सिर्फ 20 कि मी पर भारतीय सेना आ गयी थी तो पाकिस्थान ने युद्ध बंद पे साईन कि थी ,,,, जब भारतीय कराची पे बम गिरा रहे थे तब उनके पंतप्रधान और दुसरे नेता पररारष्ट्र मंतालय मे छुपे थे ..... औयय बोलते हे कि भारत युद्ध में सफल नही हुआ ...... अपनी हार छुपने के लिए कुछ भी कहानी बता रहा है .... पाकिस्थानी नेताओ को ये बाते पता हे या नही ये मै नही जानता लेकीन एक और गीदड़ भबकि
वो सायद भूल गया हे बाप बाप होता हे
और इतिहास इससे भरा पड़ा है पकिस्तान के लिये तो हमारी आर्मी की एक बटालियन ही काफी हॆ अछा हॆ कि हमारी आर्मी कॊ सरकार छूट नही दे रहीधमकी तौ दुर कि बात यॆ पकिस्तान कुछ भी बोलने के लायक नही रहेगी आप देख लौ इतिहास उठा के यॆ बात अलग कि पकिस्तान पीठ पर ज़रूर वार कर सकता सामने से लड़ने कि उक़ात नहीँ है

Saturday, August 29, 2015

आरक्षण खत्म करो चाहे कोई हो

शुक्र मनाओ हार्दिक तुम 'मियां' नहीं हो, नहीं तो लाशों के अंबार लगा दिये जाते अब तक। गनीमत है कि तुम 3500 करोड़ की संपत्ती के फूंकने के बाद भी किसी ने तुम्हें गद्दार ए वतन नहीं कहा। हमने तो एसे जुमले भी सुने हैं जब हमने आरक्षण मांगा तो हमें पाकिस्तान जाने को कहा गया। हार्दिक तुम हाथों में बंदूक लेकर बंदूक के बल पर आरक्षण मांग रहे हो और तुम्हें किसी ने पाकिस्तानी, आतंकवादी, राष्ट्रद्रोही, गद्दार जैसे जुमलों से नहीं नवाजा। हमने शान्तिपूर्ण तरीके से आरक्षण मांगा और इसलिये मांगा कि सरकार ने ही तीन आयोग बनाये और तीनों ने अपनी रिपोर्ट में हमें आरक्षण का हकदार बताया तो हमें पाकिस्तान जाने को कहा गया। किस्मत वाले हो हार्दिक जो खुली दादागिरी दिखा रहे हो। मियां होते तो पता नहीं कहां होते
एक सरदार बल्लभ भाई पटेल थे
जिन्होंने भारत को जोडने का सपना देखा था
एक हार्दिक पटेल तोड़ने का सपना देख रहा है
अगर आरछंण तत्काल आर्थिक स्थिति से नहीँ जोड़ा गया।
तो कल ठाकुर लाला पँडित सभी रैली निकाल देगें
तब स्थिति सम्हालना मुस्किल हो जायेगा।
सरकार को इस पर गंभीरता से बिचार करना चाहिए
आरक्षण का जहर आनें वाले समय में पुरे हिन्दुस्तान को असंतुस्टों के पागल जमात में बदल देगा जो भयावहः होगा

पहले भीख माँगो? ना मिले भीख तो
हक जताओ। हक ना मिले तो हड़ताल करो जबरदस्ती करो। तब भी ना मिले तो देश का नुकसान करो! वाह री टुच्ची राजनीति। देश को दिया क्या है? ईमानदारी से टेक्स तो चुकाते नहीं अपने आप को ईमानदार कहते शरम नहीं आती। हार्दिक पटेल के समर्थक यदि देश में सफाई करते तो देश साफ हो जाता अगर किसी की योग्यता का सम्मान हो जाता है तो आरक्षण से क्या हासिल होगा, देश का विकाश करना है तो जाति नहीं काबिलियत देखो आरक्षण, याने आधुनिक समय की भीख। हर कोईं कटोरा लेकर घूम रहा है इस तरह का दबाव बना कर यदि आरक्षण का लाभ मिल गया तो  देश के कोने - कोने से अलग - अलग  जाति व समुदाय के लोग तरह - तरह का लाभ लेने के लिये भारत सरकार पर दबाव  बनाना शुरू क कर देगे जिससे देश के अंदर शान्ति व्यव्स्था तहस नहस हो जायगा देश के विकास के लिए मेहनत करो आरक्षण तो विकलांग व्यक्तियों के लिए है

Tuesday, August 25, 2015

मोदी जी फेल हो गये क्या

मोदी जी फेल हो गये क्या ?
क्या आपको लगता है ये अच्छा काम कर रहा है । जो देश आतंकवाद,नक्सलवाद झेत्रवाद आदि अनेक समस्याओ से जूझते हुए आगे बढ़ने की सोच रहा है।और 1ये महाश्य जातिवाद आरक्षण की आग में झोक रहा है। कल कोई और जाति और उठ खड़ी होगी ।क्योकि इस देश में भेड़ चाल है। इसमे सरकारे भी दोषी है।क्योकि राजस्थान सरकार यदि गर्जरो को उत्पाद के बदले आरक्षण ना देती तो देश को ये दिन ना देखने पड़ते
जिसकी आबादी इतनी है उसे आरक्षण की क्या जरुरत है
क्या पटेल प्रजाति लुप्त हो रहा ह
एक- एक कर भारत  के सभी धर्म, वर्ण , जात बिरादरी  को आरक्षण दे दो कुछ  समय में सभी फिर एक सामान हो जायेंग
अगर घोड़ा गधे से तेज दोड सकता है तो क्या घोड़े के पैर मे आरक्षण की जंजीर बांध दे  जिससे गधा आगे निकल जाये तेज चलना घोड़े की प्रतिभा है कमजोरी नही आरक्षण हटाओ देश बचाओ पटेल समाज के पास नौकरी पैसा जमीं जायदाद बिजनिस सब कुछ तो है फिर भी आरक्छन का नाटक खेल रहे है  इंडिया की स्थिति देखो तो करोडो लोगो को एक वक्त का खाना तक नसीब नही हो रहा है। लोगो की नौकरी की बात तो छोडो मजदूरी के भी लाले पड़ रहे है , ओर ये खाते पीते लोग देश का तमासा बना रहे है , ओर मिडिया भी इनके मुँह पर माइक लगा कर इनको तव्वजो देकर इनको खूब भडावा दे रही है देश में दूसरी कोमों की हालत तो देखो बहुत ख़राब है सरकार ओर मिडिया को उन की तरफ धयान द

हम तो सुने थे की गुजरात का पटेल समूह बहुत ही स्वाभिमानी मेहनती  स्वावलंबी  है विदेशों में भी गुजरात  का  झंडा  बुलंद  किया  है  ये तो भीख मंगा  अपाहिज निकला  आरक्षण की  खैरात   मांग  रहा  है  अपने  योग्यता  काबिलियत  पर  भरोसा  नहीं  रह गया  ?

Sunday, August 23, 2015

अब भारत को कठोर रुख अपनाना चाहिये या नही

ये तो पहले से पता था कि पाकिस्तान आतंकवाद पर बात चीत कभी नहीं करेगा
कुत्ते की पूछ टेड़ी की टेड़ी ही रहेगी
अब भारत को कठोर रुख अपनाना चाहिये
पाकिस्तान और भारत के बीच कफी भी चुनी हुई सरकार के बीच कोई बातचीत नही हो सकती है
पाक मे चुनी हुई सरकारों की फौज के सामने कोई अहमियत नही है

इस वार्ता को रद्द करने के पिछे मिडिया और भारत पाकिस्तान को हथियार सप्लाई करने वाले देशो का हाथ हैं। जो भारत और पाक के शाति स्थापित होने पर कंगाल हो जायेगे

Friday, August 21, 2015

अगर आपमें भी हैं ये 25 आदतें तो आप करियर में हो सकते हैं सफल

दुनिया में हर व्यक्ति के अंदर कोई न कोई अच्छी आदतें होती हैं, जो सफलता पाने में उनकी मदद करती है. कुछ लोगों में ये आदतें पैदाइशी होती है तो कुछ लोग दूसरे लोगों से सीखकर उन आदतों को खुद में शुमार करने की कोशिश करते हैं.

अगर आपमें भी हैं ये 25 आदतें तो आप करियर में हो सकते हैं सफल
1. समय का पाबंद होना.

2. हमेशा नए आइडियाज सर्च करते रहना. 

3. पुरानी गलतियों से सीखते रहना.

4. सफल लोगों को देखकर उनसे मिलने की इच्छा जाहिर करना.

5. भविष्य में क्या करना चाहिए इसकी सीख खुद से लेते रहना.

6. कुछ नया सीखने से प्यार करना.

7. बड़े सपने देखना.

8. किसी भी काम को अधूरा न छोड़ना.

9. कठिन मेहनत से प्यार करना.

10. ऐसे लोगों की मदद करना जिन्हें मदद की जरूरत हो.

11. लोगों को प्रभावित करने के तरीके सीखना.

12. खुद पर नाज होना.

13. खुद के कामों के लिए डेडलाइन सेट करना.

14. अपनी जिंदगी से ऐसी चीजों को निकाल देना, जिससे समय का नुकसान होता हो.

15. लोगों की भावनाओं की कद्र करना.

16. हमेशा नए प्रोजेक्ट के लिए तैयार रहना.

17. नई टेक्नोलॉजी के लिए क्रेजी हो जाना.

18. हर दिन समाचार पढ़ना.

19. दूसरों की सलाह पर ध्यान देना.

20. त्याग करने के लिए तैयार रहना.

21. बीती हुई बातों का देर तक मलाल न करना .

22. अच्छी किताबें पढ़ना.

23. खुद से बातें करना.

24. बड़ी चुनौतियां और बड़े फैसले लेने की काबिलियत रखना.

25. कभी भी बेमतलब आराम नहीं करना. खाली समय में भी कुछ न कुछ नया करने की सोचते रहना.

Saturday, August 15, 2015

नफरत बुरी है, न पालो इसे; दिलो में खालिश है, निकालो इसे; न तेरा, न मेरा, न इसका, न उसका; ये सबका वतन है, संभालों इसे! स्वतंत्रा दिवस की बधाई!

लाल किले पर मोदी जी ने तिरंगा फहराया और राष्ट्रीय धुन बजने के साथ ही रोम रोम रोमांचित हो उठा और आँखें बरबस ही छलक उठीं उन शहीदों को याद करके जिन्होंने अपने बलिदान से इस देश को आजाद कराया। ये आजादी अनमोल है इसका महत्व हर हिंदुस्तानी को समझ आना चाहिए और हर हिंदुस्तानी को देश के उन वीर शहीदों के बलिदान को बेकार नही जाने देना चाहिए और प्रण करें की अपना सारा जीवन देश की भलाई में लगाएंगे सांप्रदायिक दंगों की संख्या कम नहीं हुई है! सामाजिक समरसता बेहतर हो रही है कि बदतर ये तय करना मुश्किल है! जातिगत भेदभाव व शोषण कितना कम हो पाया है आज़ादी के 68 सालों बाद ये आप भी जानते हैं! स्त्रियों की दशा कैसी है ये बताने की ज़रुरत है क्या?
आज़ादी का दायरा बढ़ाना होगा, उसके मायने भी बदलने होंगे

दोस्तों स्वतंत्रता दिवस के इस पावन अवसर पर हम सभी देशवासियों को यह संकल्प लेना चाहिये कि हम धर्म के नाम पर अधर्म की राजनीति करने वाले लोगों से देश को आजाद करवा कर देश में एकता अखंडता का ऐसा माहौल तैयार करेगें कि देश में कोई भी पार्टी धर्म के नाम पर राजनीति कर के माहौल खराब ना कर सकें। देश में राजनीति करने हर दल और व्यक्ति केवल विकास की राजनीति करें जिससे की हमारा देश विकास के नित नये आयाम स्थापित कर सके
आज ही के दिन हमें अंग्रेजों से स्वतंत्रता मिली थी,देश आज़ाद हुआ था.हमें सामंतों से भी स्वतंत्रता की लड़ाई जारी रखनी है,हर वो जो गरीब और कमज़ोर को दिन के उज्जाले में लूटता है,हर वो जो गरीब और कमज़ोर को लुटवाने की मानसिकता रखता है, वो चोर नहीं सामंत है

ये नफ़रत बुरी है ना पालो इसे
दिलों में ख़लिश है निकालो इसे
ना तेरा ना मेरा ना इसका ना उसका
ये सबका वतन है बचा लो इसे
हमेशा की तरह आज फिर कहता हूँ की इस देश की आप से बहुत उम्मीदें हैं अपना हौसला यूँ ही बनाये रखें।।।। जय हिन्द

स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाये..जय हिंद जय भारत!!