हर तरफ है शोर शराबा हर तरफ हा हा कर है
देश का माहोल देखकर क्यों अब तू परशान है
वक़्त चुनाव का आता है तू पैसे खूब लेता है
उसके बाद सबसे ज़्यादा तुही तो रोता है
दंगा हो या आगजनी अबे तुझको क्या फर्क है
लुटरह है जो अब तू लूटने दे तू तो बेफिक्र है
तुझसे मतलब ही क्या है सरकार किसीकी भी हो
गली देना, दिन भर रोना , अब इससे क्या है होना