तेरे बिना आज भी वो शक्स जिन्दा है
पैदा जो हुआ था सदियो पहले
तुम्हारी खुशबु आज तक ज़िंदा है
जो फूल सूख गया था सदयो पहले
पुरानी किताब हर वो पन्ने महकता है
जो तुमने छुए थे सदियो पहले
तेरी उंगलियो के निशा ज़िंदा है आज भी
कलम जो पकड़ा था साइम का सदियो पहले
तेरी वो नज़रो की चमक आज भी चमकती है अंधेरो मे
जो रौशन हुयी थी सदियो पहले
शायद तुम भूल गयी हो वो बाते
जो हुयी थी सदियो पहले