Saturday, January 16, 2016

सदियो पहले

तेरे बिना आज भी वो शक्स जिन्दा है
पैदा जो हुआ था  सदियो पहले

तुम्हारी खुशबु आज तक ज़िंदा है
जो फूल सूख गया था सदयो पहले

पुरानी किताब हर वो पन्ने महकता है
जो तुमने छुए थे सदियो पहले

तेरी उंगलियो के निशा ज़िंदा है आज भी
कलम जो पकड़ा था साइम का सदियो पहले

तेरी वो नज़रो की चमक आज भी चमकती है अंधेरो मे
जो रौशन हुयी थी सदियो पहले

शायद तुम भूल गयी हो वो बाते
जो हुयी थी सदियो पहले