Thursday, October 29, 2015

तुम्हारी याद

कुछ वादा ए वफ़ा याद है
कुछ भुलादिये हमने
कुछ ज़िन्दगी के भूले किस्से
सबको सुनादिये हमने

तुम्हारी यादो को आज
तक साथ रखा है लेकिन
आज उन खातो को
खाक में मिला दिये हमने

तुम्हारी यह ज़िद तुम्हे
तनहा न करदे
बस इस ख्याल ने आज
फिर झुक दिया हमने

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