Thursday, March 16, 2017

चुनाव परिणाम का स्वागत होना चाहिए

●●@साइम इसरार के क़लम से●●
*इससे पहले कि नफरत का बीज डाला जाए*
*हवाओं से कह दो मोहब्बत का तराना गाया जाए*
कहावत तो सुनी होगी
खिसियानी बिल्ली खंबा नोचे यह कहावत आज के वक्त में बिल्कुल सच साबित हो रही है जब से चुनाव परिणाम आया है उस दिन से लगातार इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM)पर सवाल खड़े  करे जा रहे हैं यह सवाल क्यों है आपने इस पर सोचा
अगर इसी तरह पूर्ण बहुमत मायावती या अखिलेश को मिली होती तो कोई सवाल नहीं खड़ा करता लेकिन आज भारतीय जनता पार्टी *(BJP)* को जन समर्थन मिला है उस पर बार-बार सवाल खड़ा करना लोकतंत्र को ठेंगा दिखाने के बराबर है इससे पहले भी समाजवादी सरकार को बहुमत मिली थी
मायावती को बहुमत मिली थी
दिल्ली में केजरीवाल को बहुमत मिली थी
कांग्रेस को बहुमत मिली
तो किसी ने सवाल क्यों नहीं उठाए जो जनादेश मिला उसका स्वागत होना चाहिए और आने वाली सरकार का स्वागत करना चाहिए कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर लगातार अल्पसंख्यकों को डराने की कोशिश हो रही है कि बीजेपी आ गई बीजेपी आ गई बीजेपी आ गई
अगर इतिहास उठा कर देखा जाए तो आप को इस बात का अंदाजा हो जाएगा कि आज तक कांग्रेस ने मुसलमान को सिर्फ वोट बैंक समझा है और इससे ज्यादा कोई हैसियत नहीं समझी लालबत्तियां दे देने से समस्याएं हल नहीं हो जाती लेकिन केंद्र में सत्ता पर काबिज भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने अभी तक तो ऐसा कोई काम नहीं किया जो मुस्लिम विरोधी हो या मुसलमानों को पीछे करता हो फिर क्यों बार-बार ब्रम्ह फैलाने की कोशिश हो रही है सुलझे हुए दिमाग से यह सोचना होगा कि जो हमारे लिए काम करेगा हम उसे खुले दिल से समर्थन करेंगे पहचान काम से होनी चाहिए बातों से नहीं अगर हमारे लिए कोई अच्छा काम करता है तो हमें उसका स्वागत करना चाहिए और उस का साथ देना चाहिए 
चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद गोरखपुर के मशहूर सांसद योगी आदित्यनाथ ने अपने पहले पत्रकार वार्ता में कहां कि *"यह सरकार सबके लिए काम करेगी यह सरकार विकास के लिए काम करेगी इस सरकार में किसी के भी साथ भेदभाव नहीं होगा"*
*पत्रकार ने पूछा क्या अल्पसंख्यकों को डरने की जरूरत है उस पर जवाब दिया इस सरकार में मुसलमानों को डरने की कोई जरूरत नहीं हां जो गलत लोग हैं उन्हें जरूर डरना होगा*
हमें इस बात की तारीफ क्यों नहीं करना चाहिए जब हम किसी की आलोचना करना चाहते हैं तो उसकी तारीफ करना क्यों नहीं जानते तुम्हारा दिल इतना बड़ा क्यों नहीं हो सकता इस बात पर आपने कभी नहीं सोचा होगा नजर का फर्क होता है क्या देखना है आपको अच्छा है या बुरा अच्छी नजर से देखोगे अच्छा दिखेगा बुरी नजर से तो बुरा ही दिखेगा यह तो आपको सोचना है अच्छा देखना है या बुरा देखना हैं।

*ना चाहते हुए भी आज मैंने यह लेख उन लोगों के लिए लिखा है जो लगातार ब्रम्ह फैलाने की कोशिश कर रहा हूं*

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