आज हम तेरे बेवफाई होने की खबर सुनकर आए
सारे दीवानो को हम बता कर आएँ हे
तुझसा हसीँ न था कोई ओर न होगा कभी आज अपनी डायरी के पन्नोँ पर हम सजा कर आए
तेरी एक झलक से हो जाती थी खुशी आज उस कुशी को हम मिटा कर आए हे
यह जो दर्द दिल का हे बयाँ हो ही नहीँ सकता फिर भी हम तेरे लफ़्ज़ोँ को सजा कर आए हे
यह जो बेचैनियाँ हे बेचेनी की कसम तुझे न हम ने बुलाया हे ओर न भुला पाए हे
आज भी दिल की गहराई से बे सबब हम ये कहते हे
तेरी मोहब्बत मेँ हम सब कुछ लुटा कर आए हे साइम तुमहारी मोहब्बत की हे दास्तान लोग सुनकर हंस रही हे फिर भी हम दुनिया को रुला कर आए हे
Saturday, May 9, 2015
तेरी यादोँ मेँ हम
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment