Saturday, May 9, 2015

यादो के साथ

दर्द इन आंखोँ से छलक ने लगा
हाल पूछने को ये दिल धडकने लगा
केसे समझाए हम अपनी नादान ग़लतियो को
बे सबब भी इन आंखोँ से आंसू छलक ने लगा
यह जो गहराइयो की बातेँ हेँ तुम ओर हम जानते हे ज़माना केसी केसी बात को उढ़ाने लगा
अब तो तेरे नाम भी लेना दुश्वार हो रहा है
तेरे शहर की निगाह मेँ अब मै अब खटकने लगा
अब तू ही बता दे जरुरी क्या है
तुझे याद करते ही वीराने दिल धडकने लगा
जो हम पर बीती हे वो हम ही जाने
केसे झूठे इन आंखोँ से दिखने लगा
मेै तुमको ने बुला सकता हू कभी
तुमको ये केसे लगने लगा
तेरी जुल्फोँ की छाया आज भी याद हे जब से मेँ धुप मेँ चलने लगा
तेरी आंखो की वो काजल आज भी याद हे जबसे दूर आंखोँ से होने लगा
तेरी खुशबू की महक बसी हे आज तक वो गुलाब साइम अब सूखने लगा
तेरी बहुत प्यारी हसी आज भी याद है  हँसी के बहाने मेँ जीने लगा
तेरी आवाज को तरसता हूँ आज भी तुझको केसे लगा मै भूलाने लगा

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