आतंकी को जिन्दा पकड़ने के लिये सुरक्षा बल के जवान बधाई और अभिनन्दन के हक़दार है। उम्मीद है भारतीय न्याय व्यवस्था में चाहे ट्रायल कितना भी लम्बा हो फेयर ट्रायल के बाद अंत में हमेशा की तरह मुजरिम को उसके किये की सजा मिलेगी। आतंकवाद के मुद्दे पे देश में किसी भी तरह की अलग राय नहीं होनी चाहिये। न्यायपालिका और सरकार के साथ साथ समाज के हर तबके में उसका विरोध सिर्फ होना ही नहीं चाहिये पर उसे हर हाल में विरोध होते दिखना भी चाहिये। तात्कालिक लाभ या किसी भी अन्य विचारधारा के कारण आतंकी का अप्रत्यक्ष समर्थन न सिर्फ आतंकिओं के मनोबल को बढ़ाता है बल्कि राष्ट्र की सुरक्षा के लिये भी खतरा का सबब बनता है।
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